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Chanchal Chaturvedi

Romance

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Chanchal Chaturvedi

Romance

खामहखाह मेरे दिल

खामहखाह मेरे दिल

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मैंने खामहखाह मेरे दिल को तुम्हारा ठिकाना समझ लिया

बेशक इसे तुमने किराये पर था लिया,

मगर किराया तुमने भी तो कभी अदा नहीं किया,

मैं समझी रहना यहाँ तुम्हे रास आने लगा,

इस दिल को तुमने अपना घर कर लिया

इस नासमझी मे मैनें मेरा दिल-ए-आशियां तुम्हारे नाम कर दिया,

मैंने तब क्यू सोचा नहीं.......?

मन चाहे दिल-ए-आशियां का जब ख्वाब तुम्हारा मुक्कमल होगा,

ठिकाना तब तुम्हारा किसी और का दिल होगा,

हाँ मगर तुम्हारे जाने के बाद भी इस दिल-ए-आशियां पर नाम सिर्फ तुम्हारा होगा।


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