खाली सड़के फैली हरियाली
खाली सड़के फैली हरियाली
खाली सड़कें फैली हरियाली
अजब नजारा गजब कहानी
आजाद जानवर कैद इंसान
बदल गया वक्त का ईमान
जीवन के आगे धन बेगाना
पंछी चुग गए सारा दाना
दूर हो गए भ्रम थे जितने
हम है शक्तिशाली कितने
पहले व्यस्तता रहती भारी
अब विश्राम के पल है भारी
निकट सम्बंधी दूर हुए है
सब ईद का चांद हुए है
लड़ाई लड़ रहे हैं जो भारी
वियोग का दुःख उनका भारी
छोटी उम्र लंबी है राहे
चिंता फैला रही हैं बाहें
नीला आसमान हवा सुहानी
अब लगती हैं बेगानी
खाली सड़कें फैली हरियाली
अजब नजारा गजब कहानी।
