खाली कमरे की यादें
खाली कमरे की यादें
नहीं है मुझे मेरे वजूद की ख्वाहिश,
भरा हुआ है एक खाली कमरा मेरे वजूद से।
कमरे की दीवार पर बनी चित्रकारी,
दिखाती है मेरे बचपन की कहानियाँ।
फर्श पर बिखरे पैरों के निशान,
दिखाते हैं मेरे बचपन की उड़ान।
कमरे में गूंजती अधूरी आवाजें,
दिखाती है मेरी खोई हुई हँसी।
कमरे में बिखरे हुए काँच की कतरने,
दिखाती हैं मेरे खोये हुए हसीन सपनों को।
कमरे की झड़ती हुई चूने की परते,
दिखाती है मेरे साथ गुजरी हुई पीढ़ियों को।
नही है मुझे मेरे वजूद की ख्वाहिश,
भरा हुआ है एक खाली कमरा मेरे वजूद से।
