खाक में मिल जाना है
खाक में मिल जाना है
न तुम राम हो और न रावण मैं।
न तुम अमर हाे, न क्षणभंगुर मैं।।
एक दिन मराेगे तुम, मरूंगा मैं भी।
न तुम पुजोगे, न आलोचा जाऊंगा मैं।।
तुम भी मिलाेगे खााक में, मिलूंगा मैं भी।
किस बात का तुम करोगे गर्व, किसका मैं।।