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JAYANTA TOPADAR

Abstract Drama Tragedy

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JAYANTA TOPADAR

Abstract Drama Tragedy

कड़वी ज़िन्दगी...

कड़वी ज़िन्दगी...

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यहाँ लोग जितनी भी खोखली दार्शनिकता भरी बड़ी-बड़ी बातें

करते फिरें, मगर

जब आपकी जेब

आर्थिक रूप से

कमज़ोर हो या

अगर आपकी ज़िन्दगी

खींचातानी में ही

मजबूरन हाथ से निकल जाए,

तो वहीं बातें आपको

बुरी तरह चुभने लगतीं हैं...!


सुनने में अटपटा लगता है, मगर

ये ज़िन्दगी हर मुफलिस के

पिछले दरवाजे से होकर

भाग जाती है...

और वो ठनठन गोपाल बन

यूँ ही बेसिरपैर जद्दोजहद में

अपनी अधूरी ख्वाहिशों की

ज़िन्दा लाश पे

बेमतलब के फूल चढ़ाने का

अदम्य चाह लिए

वक्त की हेराफेरी में

अपनी कीमती यादें ही

लूटा दिया करते हैं...!!!


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