कचरा प्रबंधन
कचरा प्रबंधन
अजीब विडम्बना है हमारे देश की
कूड़ा कचरा बाहर निकालने की ।
ज्यादातर लोग सोचते हैं बस घर साफ हो मेरा
बाकी सब काम सरकार व म्युनिसिपैलटी का।
जागरूकता अभियान जारी है
एक पर एक बढ़िया तैयारी है
क्या भाषण देने से कम होगा कूड़ा ?
क्या स्लोगन लिखने से पूरे होंगे अभियान ?
शायद नहीं, बिल्कुल भी नहीं ,
जागरूकता आई है जहाँ सब ने अपनाई है ।
जिंदगी पहले भी चलती थी आज भी चलती है
पर कचरे के ढेर ऐसे न थे जो अब हैं।
माना हम तरक्की कर गए हैं ,नए साधन जुटा
पर याद रहे सारा कूड़ा करकट नदियों में बहा ।
ऊँची -ऊँची फैक्टरियाँ व कारखाने
सब कुछ कर देते समुद्र के हवाले।
इतना प्लास्टिक व कैमिकल का मिश्रण
समुद्र का पेट भी दुखता दान प्रतिदिन।
नहीं पचा पाता तो निकाल देता कर उल्टी
वही मानव की गल्ती पड़ती मानव पर उल्टी ।
कूड़े केढेर पर पलता जीवन व पशु मर रहे हैं
जल जीव तो बिन गल्ती पिस रहे हैं।
मोदी जी के प्रयास अब रंग ला रहे हैं
हर तरफ जागरूकता के प्रपंच लहरा रहे हैं।
हर जगह अब मोहिम चल पड़ी है
लोगों की नजरें अब कूड़े पर अड़ी है ।
गीला सूखा कूड़ा अब अलग होने लगा है
प्लासटिक तो पूरी तरह बैन हो गया है ।
कपड़े का थैला, मिट्टी के बरतन आ गए हैं
कूचरा प्रबंधन जागरूकता में जग गए हैं ।
अगर हमें जीवन बचाना, जीवन दर बढ़ाना है
तो कूड़ा -प्रबंधन सही ढंग अपनाना है ।
जहाँ तक हो सके करो हर चीज का सही उपयोग
जो हो सके उसे करो री यूज।
प्रयोग करो दैनिक जीवन में वो सब सामान
जो हो जाता रिसाइकिल के नाम।
उस चीज का कर दो त्याग
जो नहीं पचा पाती धरती माँ ।
कुछ कदम अगर हर भारतवासी गर ले उठा
ये कचरे का दानव भी हो जाएगा दफा ।
जंग अभी जारी है, हम सफल हो रहे हैं
हर एक को जागरूक कर रहे हैं ।
अब तो कर ली है सबने तैयारी ,
जल, वायु ,पृथ्वी साफ होगी हमारी ।
कचरा प्रबंधन -जागरूकता सब अपनाएँगे
देश को हरित कर प्रकृति को बचाएँगे।