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Sonias Diary

Tragedy

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Sonias Diary

Tragedy

कभी...

कभी...

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कभी लगता है 

हम चल रहे,

कभी लगता है

परिंदा बन उड़ रहे,

कभी सोच आती है 

उस घरोंदे की,

कभी सोनिया सोच आती है 

उन बूढ़े पंखों की ,

जवानी की खुमारी का जोश

इस कदर है हावी 

उंगली थामना भूल गए

हाथ पकड़ राह दिखाने वालों की।


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