कभी मुझपर, कभी मुझमें
कभी मुझपर, कभी मुझमें
कभी बिखर कर तो देखो मुझपर,कभी सिमट कर तो देखो मुझमें,
मेरी शख़्सियत में तुम्हें,तुम्हारा ही अक्स मिलेगा,
हम न मिलेंगे तुमको,तुमसा एक शख्स मिलेगा,
कभी उफन कर तो देखो मुझपर,कभी डूब कर तो देखो मुझमें।
कभी मर कर तो देखो मुझपर,कभी यूँ ही जी कर तो देखो मुझमें,
मेरे सीने में धड़कता हुआ,तुम्हारा ही दिल मिलेगा,
मेरे साँसों में डूबता उतरता,तेरे नाम का साहिल मिलेगा,
कभी बिगड़ कर तो देखो मुझपर,कभी सँवर कर तो देखो मुझमें।
हसरत सी लुट कर देखो मुझपर,ख्वाब सा मिल कर देखो मुझमें,
मेरी हसरत में तुम्हें,अपना ही हर ख्वाब मिलेगा,
न करो यकीन पर,पंकज में तेरा ही रूप खिलेगा,,
रंग सा उभर कर देखो मुझपर,कभी खुशबू सी घुल कर देखो मुझमें।