Neer Neer
Abstract
कभी कभी किसी की
ज़िन्दगी से निकल जाना
जरूरी होता है,
इसलिए नहीं के वो
हमारे लिए ठीक नहीं,
बल्कि इसलिए कि
हम उनके लिए
ठीक नहीं होते।
मां....
दवा
नीर
दोस्त....
तुम मुझे पढ़ ...
मुझे पसंद नही...
खूबसूरत
तुम्हारे खत.....
बेख्याली का ख...
थे पैर हमारे ठिठक गए हम आजादी से यूं भटक गए। थे पैर हमारे ठिठक गए हम आजादी से यूं भटक गए।
फैन हूँ ग़ालिब तिरा मैं मीर हूँ तालिब तिरा मैं। फैन हूँ ग़ालिब तिरा मैं मीर हूँ तालिब तिरा मैं।
खूब दिल बेक़रार है आज़म देखी ऐसी बहार है आज़म। खूब दिल बेक़रार है आज़म देखी ऐसी बहार है आज़म।
देखो कोई मेरी जान से प्यारी दौलत लूट गया हैं मेरा छोटा सा परिंदा देखो मुझसे रूठ गया हैं देखो कोई मेरी जान से प्यारी दौलत लूट गया हैं मेरा छोटा सा परिंदा देखो मुझसे र...
वह गैर हैं और जो गैर हैं उनके दर्द से कोई फर्क ही नहीं पड़ता वह गैर हैं और जो गैर हैं उनके दर्द से कोई फर्क ही नहीं पड़ता
अखिल भावों के महासागर हो सभी सम्बन्धों में प्रभु तुम्हीं तो हो। अखिल भावों के महासागर हो सभी सम्बन्धों में प्रभु तुम्हीं तो हो।
खुद के समय खुद ही भूल जाता है सारे नियम, खुद के समय खुद ही भूल जाता है सारे नियम,
'सुओम' कितना चाहता है तुमको तुम्हारे लिए ही व्याकुल मेरा मन है। 'सुओम' कितना चाहता है तुमको तुम्हारे लिए ही व्याकुल मेरा मन है।
जल्दी ही कर ले जो तूने मन में ठानी। फिर खुद को ही संभालना भारी होगा। जल्दी ही कर ले जो तूने मन में ठानी। फिर खुद को ही संभालना भारी होगा।
सच ही तो कहते हैं, बिन घरनी घर भूत का डेरा। सच ही तो कहते हैं, बिन घरनी घर भूत का डेरा।
यूँ ही ख्यालो मे तुम्हारे वक्त अपना बर्बाद करता हूं। यूँ ही ख्यालो मे तुम्हारे वक्त अपना बर्बाद करता हूं।
किस तरह से निभाएंगे रिश्ते उसको अपनी फिकर नहीं होती किस तरह से निभाएंगे रिश्ते उसको अपनी फिकर नहीं होती
ज़िन्दगी आंधी की रेत सी विधवा के खेत सी ज़िन्दगी आंधी की रेत सी विधवा के खेत सी
उसे नहीं मिलती कहीं भी दर्द से कोई भी निजात। उसे नहीं मिलती कहीं भी दर्द से कोई भी निजात।
करता नहीं नुमाइश कभी परेशानियों की मैं। करता नहीं नुमाइश कभी परेशानियों की मैं।
मैं यह सोच संतुष्ट रहूँ सचमुच इसी में कल्याण है। मैं यह सोच संतुष्ट रहूँ सचमुच इसी में कल्याण है।
तो बस तू आज मान ले,बस यह जान ले, कर सकती है सब कुछ, जो मन में ठान ले। तो बस तू आज मान ले,बस यह जान ले, कर सकती है सब कुछ, जो मन में ठान ले।
हम भी कर सके पूरी सारी अपनी मनोकामना ! हम भी कर सके पूरी सारी अपनी मनोकामना !
असत्य पर सत्य की विजय कर, लौटे राम लखन, असत्य पर सत्य की विजय कर, लौटे राम लखन,
हो जाए भस्म चिता मेरी दीपक एक जला देना । हो जाए भस्म चिता मेरी दीपक एक जला देना ।