Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Surendra kumar singh

Abstract

4  

Surendra kumar singh

Abstract

कभी कभी यादें

कभी कभी यादें

1 min
180


कभी कभी यादें

रूबरू हो जाती हैं

आश्चर्यजनक क्षण होते है वो

जब यादें रूबरू होती हैं

लगता है ये पल

जीवन का हिस्सा नहीं हैं

जीते जागते देखे हुए सपने हैं

भला ऐसा भी सम्भव है

कि यादें प्रत्यक्ष हों

वो तो थीं

गुजरे पलों के साथ गुजरी हुयी

फिर दुबारा उनका आना।

दुबारा 

इनका लौट आना मुमकिन है।


हाँ कहानी का पूरा

भूगोल बदला हुआ होता है

और उनकी भावना

यादों सी होती हैं।

जैसे

किसी ने किसी के लिए जान दे दी

कोई आग में जला नहीं

कोई डूबा तो मिला उपहार

कोई समर्पित हुआ

और योद्धा बन गया

युद्ध पहले दिमाग में होते है

शांति की कामना ही शांति है

ऐसा ही कुछ महसूस हुआ आज

जीवन के पलों को गुजरने के बीच

और याद आया

कृष्ण का महाभारत में दिया हुआ वचन

मैं बार बार आता हूँ

यकीनन कोई आया हुआ है

ठीक ठीक वैसे ही हालात में

जिनके आने की बात हुई थी

यानी हम यादों से रूबरू हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract