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Taj Mohammad

Abstract Romance Action

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Taj Mohammad

Abstract Romance Action

कभी हमसे भी मिलों।

कभी हमसे भी मिलों।

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कभी हमसे भी मिलो ऐसे यूँ गले लगकर।

इतने भी बुरे नहीं है हम यारों समझने पर।।1।।


दुनिया के कहने पर मत जाना मेरे दोस्तों।

सब को ही मज़ा आता है इल्ज़ाम देने पर।।2।।


लोगों को ना पता है यूँ ही जलते है मुझसे।

यह हस्ती बनी है बड़ी ही मेहनत करने पर।।3।।


हाँ वह बात दूसरी हैं मैं झुकता नहीं कभी।

झूठ पर ना बनेगी मुझसे किसी मसले पर।।4।।


दिल को समझाया बहुत समझ ले दुनिया।

पर ये तैयार ही नहीं होता कहीं झुकने पर।।5।।


सभी को मैं देखता नहीं हूं शक भरी नज़र।

धोखे खाये है मैंने बहुत अक़ीदे करने पर।।6।।



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