STORYMIRROR

SNEHA NALAWADE

Tragedy

3  

SNEHA NALAWADE

Tragedy

कभी ऐसा भी होता है...

कभी ऐसा भी होता है...

1 min
219

वक्त बहुत बदल गया है

आज सब मोबाइल का प्रयोग करते हैं

अब कहाँ पहले जैसे पत्र लिखना

सब कुछ मोबाइल पर

पर दूर बैठे फौजी उन्हे तो कोई पूछे

ना कोई पत्र भेजता ना कोई फोन करता

बस सब अपने अपने धुन में

इन सब में एक फौजी की बेटी पत्र

लिखती है

पर जैसे ही लिखना शुरू करती है

आँखों से आँसू निकलते है

जैसे तैसे वो पत्र लिखती है अपनी

कहानियों के किस्से सुनाती है

इधर घर में फौजी के युनिट में से

फोन आता है

माँ को बताया जाता है कि फौजी

शहीद हो गए


घर पर जैसे क़हर टूट पड़ता है

बेटी अपने पिता को पत्र नहीं भेज पाती

आखिर सारी बातें कागज़ में ही दफ़न

हो जाती है।

जय हिंद ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy