...कौन करता है ?
...कौन करता है ?
इस तरह का इकरार भला कौन करता है,
अब मजनुओं सा प्यार भला कौन करता है।
लिख कर मिटा देते हैं अब नाम हथेली से,
जिगर चीर के इज़हार भला कौन करता है।
वो महज़ भीगने के डर से बाहर नहीं आए
अब बारिशों से प्यार भला कौन करता है।
उसी आँख में वफ़ा थी उसी आँख में नमी,
मेरे महबूब सी वफ़ा भला कौन करता है।
