कौन है
कौन है
जात पात और धर्म बैठे तराजू की एक ओर हैं,
समझ नहीं आता दूसरी ओर बैठा कौन है।
सब बताते एक दूसरे को कभी किसी के नीचे कभी ऊपर,
और ये ऊपर नीचे का रैंक बतलाने वाला कौन है।
कुछ लोग बिना मतलब खटकते हैं एक दूसरे को,
लेकिन इस दुश्मनी का सही कारण बतलाने वाला कौन है।
रोजगार के नाम पर यह सारा खेल रचाया हमने है,
अब तो करते हैं सब एक दूसरे के काम लेकिन यह समझने वाला कौन है।
सब समझते हैं यह थोड़ी उपयुक्त कहीं बातें,
तो फिर यहां नासमझ कौन है।