जीवन का एक मात्र सत्य यही हाल सबका होगा
जीवन का एक मात्र सत्य यही हाल सबका होगा
बिछड़ के इस दुनिया से
बिछड़ने वाला भी तो रोया होगा
उसने भी तो अपनों का साथ खोया होगा
नाता मोह माया का उसने भी तो तोड़ा होगा
यादों की माला उसकी भी टूटी होगी
जीने की तमन्ना उसकी अधूरी ही छूटी होगी
मशरूफ अपनों की तलाश में वो भी जरूर हुआ होगा
थक हारकर जब आंसूओं का समंदर थोड़ा सा सूखा होगा
कोने में बैठ उसने भी जरूर सोचा होगा
आज मेरे साथ हुआ कल मेरे अपनों के साथ भी यही होगा
यही एक सच है और यही हाल सबका होगा।
