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Shiwani Babu

Others

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Shiwani Babu

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क्या जाने कहां जा रहे हैं

क्या जाने कहां जा रहे हैं

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कभी वो मस्तियां थी,

लेकिन अब हम उन्हें यादें बनाए जा रहे हैं।


पहले मिलने पर बातें खत्म नहीं होती थी,

लेकिन अब बात ना कर सकें इसलिए ब्लू टिक को छुपाए जा रहे हैं।


सारे सब्जेक्ट्स में एक- दो सब्जेक्ट ना पसंद थे हमें,

लेकिन अब इन सब्जेक्ट्स की तरह एक दूसरे के चैट को पढ़े जा रहे हैं।


पहले बचपन के दिन याद करके रोते थे,

लेकिन अब थोड़े दिन पहले बीती बातों को बचपन की यादें बनाए जा रहे हैं।


बहुत से वादें किए थे एक दूसरे को,

लेकिन अब एक दो वादे को ही निभाए जा रहे हैं।


रूठ कर मान जाने का दौर था पहले,

लेकिन अब रूठने पर और रूठ कर बैठ जाने का दौर चलाए जा रहे हैं।


पहले रोते रोते हंस जाया करते थें महफिल में दोस्तों की,

लेकिन अब हंसते हंसते रो जाते हैं क्योंकि महफिल को दिल से भुलाए जा रहे हैं।


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