कौन है माँ?
कौन है माँ?


"कौन है माँ?"
जो श्वेत है, शीतल है, भावना है, अहसास है
जो श्रृंगार है, कोमल है, निर्मल है,
कड़कती धूप में ठंडी छाव है
जो जीवन दात्री है,
तारिणी है, शक्ति है, स्वाभिमान है
जो मीठी सी लोरी है,
ममता का गीत है,
प्यार भरी थपकी है, जादू की झप्पी है
जो त्याग है, तपस्या है,
पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है
जो बंजर ज़मीन में उम्मीद की बौछार है,
अंधेरे में उजियारा है,
ईश्वर की सूरत है, प्रेम की मूरत है
जो अर्पण है, समर्पण है, ममत्व का दर्पण है
जो परमात्मा के लिए भी वंदनीय है,
सर्वोपरि है, साक्षात आदिशक्ति है,
वही तो 'माँ' है।