वो शिक्षक कहलाता है
वो शिक्षक कहलाता है


अपना आज ज्वलित कर जो हमारा कल प्रज्वलित कर जाता है,
सही-ग़लत का अनुभव करा जो क़ाबिल हमे बनाता है,
जब बंद सारे दरवाज़े हो तो नया मार्ग जो दिखता है,
जीवन के अंधेरों में जो मशाल बनकर आता है,
वो शिक्षक कहलाता है, वो ही शिक्षक कहलाता है।
मार्गदर्शन कर जो मन की हर पीड़ा को हर लेता है,
भटके हुए कदमों को जो उचित पथ पर लाता है,
किताबी ज्ञान के साथ-साथ जो असल जीवन जीना सिखाता है,
जीवन के इम्तिहान में सफ़ल होने के जो मूल-मंत्र हमे सिखाता है,
वो शिक्षक कहलाता है, वो ही शिक्षक कहलाता है।
हम जैसे नौसिखिया परिंदों को जो जीवन की उड़ान में बाज़ बन
ाता है,
कच्ची ईंटों को ज्ञान से सींच कर जो पूरी इमारत बनाता है,
डूबती हुई कश्तियों को पार जो लगाता है,
सच्चाई का पाठ पढ़ाकर हमे एक अच्छा इंसान बनाता है,
वो शिक्षक कहलाता है, वो ही शिक्षक कहलाता है।
'कुछ' से 'बहुत कुछ' जो हमे बनाता है,
हमारे जीवन रूपी इमारत की जो मज़बूत बुनियाद बनाता है,
किसी सीढ़ी का पायदान नहीं जो पीछे छूट जाता है,
वृक्ष रूपी जीवन की मज़बूत जड़ है जो जीवन भर साथ निभाता है,
साक्षात प्रभु है इस धरती पर जो जीवन सरल बनाता है,
आदर्शों की मिसाल बनकर जो अनुशासन का पाठ पढ़ाता है,
वो शिक्षक कहलाता है, वो ही शिक्षक कहलाता है।