कैसे भुला सकते हैं आपको
कैसे भुला सकते हैं आपको
जब एक एहसास बनकर बस चुके हो आप हमारे इस दिल में,
तस्वीर आपकी ही परछाई की तरह रहती हमारी इन आंँखों में,
तो आप ही बताओ आखिर कैसे भूला सकते हैं आपको कभी,
आप तो ज़िन्दगी बनकर समाए हो कतरा-कतरा इन साँसों में।
करते हैं बेइंतेहा मोहब्बत प्यार आपका बसा हमारी धड़कनों में,
क्यों ऐसा फैसला लिया शामिल नहीं किया हमें अपनी बातों में,
आपने तो कहा था ना हाथ छोड़ोगे कभी, ना साथ मेरा उम्रभर,
फिर क्यों जा रहे हो अकेला छोड़कर हमें मोहब्बत की राहों में।
हुई है गर ख़ता हमसे दो सजा, पर यूंँ ना छोड़ो हमें तन्हाइयों में,
हर तकलीफ मंज़ूर ये जुदाई नहीं कहते हैं दिल की गहराइयों से,
आपका हर दर्द अपना लेंगे हम, बस एक बार तो कह कर देखो,
साथ होंगे तो रास्ते निकल आएंगे कई, क्या रखा खामोशियों में।
जब भी लड़खड़ाए कदम आपने ही तो संभाला अपनी बाहों में,
जिंदा रहने के लिए तो जिंदगी चाहिए मेरी ज़िन्दगी तो आप हो,
आपकी रुह से जुड़ा रिश्ता हो नहीं सकता किस्मत का फैसला,
कि आप शामिल ही ना हो हमारी इबाद़त में हमारी दुआओं में।
कैसे चले तन्हा आप ही हम सफ़र चाहिए, ज़िन्दगी के सफ़र में,
आपसे बिछड़कर ज़िंदगी हो जाएगी अजनबी अपने ही शहर में,
दिल की दीवारों पे है लिखा नाम आपका कभी मिटा नहीं सकते,
भूल से भी भूले आपको पाओगे हमें जीवन के आखिरी पहर में।
सोचना भी ना कभी कि भूल पाएंगे आपको दूर होकर आप से,
न रोकेंगे आपको जब फैसला कर ही लिया दूर जाने का हमसे,
बस एक बार तो मुड़कर देख लो बसा लें इन आंँखों में आपको,
एक आखरी मुस्कान तो दे दो वरना मर जाएंगे जुदाई के ग़म से।