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Neerja Sharma

Tragedy

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Neerja Sharma

Tragedy

कैद

कैद

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कैद हैं हम अपने ही घर में

 बेचैन हैं हम तन और मन में

 चाह कर भी कुछ कर ना पाएँ

 मन ही मन कुढ़ते चले जाएँ।


 देखें जब आजाद पंछियों को

 उनके भाग्य पर इतराएँ

काश सब पहले सा हो जाए

हम भी स्वछंद घूम आएँ।


 क्या कर्म थे हमारे जो

 हम करोना की चपेट में जीएँ

चेहरे की मुस्कान याद आए

 सबके मुँह मास्क लगा पाएँ।


बहुत हो गया प्रभु जी अब तो 

सुन लो ये विनती हमारी 

करोना अब खात्मा कर दो 

कैद मुक्त जिंदगी कर दो हमारी ।



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