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SHIVANI KUMARI

Drama

5.0  

SHIVANI KUMARI

Drama

काली रात अभी बाकी है

काली रात अभी बाकी है

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नया मकां बना कर जो खुश हो रहे हो

फिर भी पुरानी हवेली में ही क्यों भटक रहे हो।


ज़िन्दगी सिखलाती है सबक सबको

आएगी तुम्हारी भी बारी अभी क्यों इतरा रहे हो।


जुड़ाव तुम्हारा किसी से न था

ये कौन सी कड़ी हो जो बाँधे जा रहे हो।


मेरी गलियों के जैसी होगी सुनसान तुम्हारी सड़क भी

ठहरो जरा काली रात अभी बाकी है किधर जा रहे हो।


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