काले मेघा पानी दे
काले मेघा पानी दे
काले मेघा पानी दे
सुंदर दृश्य
प्रकृति मनोहारी
काले बादल।
नदियाँ नाले
पर्वत व पहाड़
अद्भुत छटा।
लगी है झड़ी
छम-छम बारिश
बरखा रानी।
ढका सूरज
आच्छादित पहाड़़
घिरे बादल।
मन प्रसन्न
किसान व हरेक
बरसे पानी।
सौंधी खुशबू
महकाए जीवन
आई बरखा।
खिली प्रकृति
खिला जनजीवन
मोहक छटा।
काले मेघा रे
छम छमा छम रे
मेघा बरसे।
खिला जीवन
खिले हैं पेड़़ पौधे
आई बरखा।
हुई बरखा
झूमते नर-नार
प्रसन्न मन।
