कागज की कश्ती
कागज की कश्ती
कागज की कश्ती थी,
दूर कहीं किनारा था।
खुशऩसीब थे हम,
यहाँ कोई तो हमारा था।
जब डूबने लगी कश्ती,
तो कोई पास ना आया।
खुशफहमी पल में दूर हो गई,
ना हम किसी के थे,
ना कोई हमारा था।
कागज की कश्ती थी,
दूर कहीं किनारा था।
खुशऩसीब थे हम,
यहाँ कोई तो हमारा था।
जब डूबने लगी कश्ती,
तो कोई पास ना आया।
खुशफहमी पल में दूर हो गई,
ना हम किसी के थे,
ना कोई हमारा था।