।। जय जय बोल ।।
।। जय जय बोल ।।
अश्रु धरा पर गिरे जो मेरे,
न समझो मेरी कमजोरी है,
ये तो उन वीरों को समर्पित,
रक्षित जिनसे घर की देहरी है।।
जान हथेली पर हरदम रखते,
सपूत ये भारत माँ के मतवाले,
मुंह से तो निकली आह नहीं,
पग पड़े भले कितने ही छाले।।
कोई लालच कोई धन वैभव,
इन को तो बस रास नहीं आये,
लिपट तिरंगे में हो अंत विदाई,
ये ही इनके बस दिल को भाये।।
इनके भी मात, पिता,बालक,
बहुतों से जग में इनका नाता,
जब बात निभाने की रिश्ता हो,
सब से पहले है भारत माता ।।
इनके बलिदानों और कुर्बानी का,
तुम दे पाओगे क्या कुछ भी मोल ,
बस पकड़ राह उनकी चल देखो,
हर पग उनकी जय जय बोल ।।