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Sundar lal Dadsena madhur

Abstract Inspirational Children

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Sundar lal Dadsena madhur

Abstract Inspirational Children

जय गुरुदेव

जय गुरुदेव

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*जय गुरुदेव*भटके राही को भी जो सीरत दे।

बिगड़े सूरत को खूबसूरत कर दे।

शिक्षक वह महान शिल्पकार है।

जो अनगढ़ मिट्टी को सुन्दर मूरत दे।


वचन मधुर,जीवन धन्य करे उजियार।

केवल आगे बढ़ना सीखाये,न माने हार।

कोयला को कोहिनूर सा जो चमका दे।

उनके चरणों में शत शत बार नमस्कार।


दीपक बनकर जो मन का अंधियारा मिटाए।

सौदागर बनकर प्रगति के नित सपने दिखाए।

कलम को तलवार,किताब को ढाल बना।

हमेशा जीवन जीने की कला सिखाए।


भले-बुरे का ज्ञान कराकर,करे मूढ़ता दूर।

ढपली ताल में भी भर दे जो मधुर कर्णप्रिय सुर।

पद-प्रतिष्ठा-पदवी की मान-सम्मान बढ़ाने।

शंका समाधान खातिर, श्रम करे भरपूर।


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