STORYMIRROR

Aniket Sonone

Drama

3  

Aniket Sonone

Drama

जवाबदारी

जवाबदारी

1 min
14.3K


लाखों दर्द,

दिल में छुपा के,

चेहरे पे हँसी का,

मुखौटा डाला है ।


हमने ख्वाबों को,

जलाकर,

अपनो को संभाला है।


शिकायत करें तो,

किस से करें,

नियती का खेल,

निराला है।


कैसे सुनहरे ख्वाब,

हम बुनते,

जब रातो का रंग भी,

काला हैं।


न जाने वो,

क्या चाहता था,

एक अजीब खेल,

उसने भी खेला है।


वक्त के इम्तिहान पर,

खरे उतरे हम,

खुद गड्ढे में गिरकर,

दूसरों को बाहर निकाला है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama