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Aniket Sonone

Drama

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Aniket Sonone

Drama

आवाज़ नही होती

आवाज़ नही होती

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ये लोग ये दुनिया,

गुनाहों से बाज़ नहीं आती,

सुना है उसके लाठी में,

आवाज़ नहीं होती ।


सूरज ढलते वक्त,

रोशनी संग ले जाता है,

अंधेरे में रहकर शाम,

नाराज़ नहीं होती ।


मुकर्रर मिलना चाहिए,

जान पहचान के लिए,

एक ही मुलाकात में,

नियाज नहीं होती ।


लोग कर लेते हैं समझौता,

गमों के साथ,

जिंदगी खुशियों की,

मोहताज नहीं होती ।


आसमां को छुने का,

हौसला होना चाहिए,

सिर्फ पंख होने से,

परवाज़ नहीं होती ।


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