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जुदाई हुस्न छीन लेती है!

जुदाई हुस्न छीन लेती है!

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एक अरसे के बाद,

जाने कैसे आज उस से सामना हो गया,

मैं तो दुआएं कर रहा था,

कि अब कभी उस से मेरा सामना न हो,

मगर मेरी दुआएं क़ुबूल न हुईं,

उस से मेरा सामना हो ही गया,

मैं लोगों से सुनता था,

कि लोग जुदाई में मर मर के जीते हैं,

लोग जुदाई में अपनी सेहत गंवा देते हैं,

जुदाई हुस्न छीन लेती है,

लेकिन ऐसा नहीं है,

वो तो जुदाई में ख़ूब तन्दरूस्त हो गई है,

वो तो जुदाई में और भी हसीन हो गई है।



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