मग़रूर सितारा
मग़रूर सितारा
अपनी धरती से किनारा तो नहीं हो सकता,
आसमानों पे गुज़ारा तो नहीं हो सकता।
एक ही शख़्स हज़ारों के लिए जीता है,
एक ही शख़्स हमारा तो नहीं हो सकता।
इस की मिट्टी में हमारा भी लहू शामिल है,
पूरा भारत ही तुम्हारा तो नहीं हो सकता।
जाने कितने ही जतन तेरे लिए हम ने किए,
तेरा जाना यूँ गवारा तो नहीं हो सकता।
सब मोहब्बत ही से आबाद हुआ करते हैं,
इस मोहब्बत में ख़सारा तो नहीं हो सकता।
शादी होती है दोबारा भी तिबारा भी मगर,
इश्क़ है इश्क़ दोबारा तो नहीं हो सकता।
चाँद ही है कि जो मग़रूर बहुत है ख़ुद पर,
कोई मग़रूर सितारा तो नहीं हो सकता।
दिल को भाते हैं बहुत लोग मगर दुनिया में,
ऐसे वैसों से गुज़ारा तो नहीं हो सकता।
तुम ने छोड़ा है हमें बीच भँवर में जानाँ,
बीच दरिया में किनारा तो नहीं हो सकता।