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ज़रूरी था

ज़रूरी था

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ज़रूरी था इक ठोस कदम उठाना

सोई तक़दीर को मेहनत से जगाना


बुरे वक्त से ज़िन्दगी का सबक मिला

ज़रूरी था अपनों से दूर रहने जाना


कैसा भी रहा हो संघर्ष ज़िन्दगी का

ज़रूरी था निडर हो साहस जुटाना


हाथों की लकीरें नहीं बदलती किस्मत

ज़रूरी था कर्म से अपना नसीब बनाना।।


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