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Tanha Shayar Hu Yash

Abstract Crime Thriller

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Tanha Shayar Hu Yash

Abstract Crime Thriller

जो हमको धोखा देकर

जो हमको धोखा देकर

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जो हमको धोखा 

देकर समझ रहे है, 

खुद को शातिर 

उनकी आँख में तो 

उनका ही काल है। 


दो कोड़ी के लोग है , और 

बिछाया मकड़ी का जाल है ,

नादाँ है जानते नहीं 

उम्र गुज़री है उलझन में ,

सुलझना हमारे लिए सवाल है। 


जो हमको धोखा 

देकर समझ रहे है, 

खुद को शातिर 

उनकी आँख में तो 

उनका ही काल है। 


चलों हम अपनी राह पर चले 

जिसके लिए लिया जन्म 

उसी मंज़िल की चाह पर चले ,

मर जायेंगे ऐसे ही सोच सोचकर 

हमारा कर कदम एक मिसाल है।


जो हमको धोखा 

देकर समझ रहे है, 

खुद को शातिर 

उनकी आँख में तो 

उनका ही काल है।  


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