जन्मों के हमसफ़र
जन्मों के हमसफ़र
सुनो हमसफ़र हर जन्मों के मेरे
करुँ मैं तुझे रूह की गहराई से प्यार करुँ
मैं तुम्हारी रती तुम कामदेव मेरे
जन्मों से चाहूँ तुमको मैं प्यासी हूँ फिर भी।
मैं धरती हूँ प्यासी तुम सराबोर बादल से
बस है आज दिन प्यार का तुम टूटकर बरसों
मैं साकी मादक मदिरा, तुम शौक़ ए शराब
घूँट घूँट चख लो मैं बूँद बूँद सी बरसूँ तुम पर।
गुलमोहर की बूटी मैं तुम पलाश मेरी ज़िंदगी का
मैं रातरानी सी महकूँ भँवरा बन बहको तुम
मैं चाँदनी रुपहली तुम करवट बैचेन सी
झाँकू मैं खिड़की से अपनी सिलवट में सहजो तुम।
मैं प्रकृति प्यारी तुम मौसम रंगीन से
मैं दामिनी सी दहकूँ घटा बन बरसों तुम
सफ़र है ज़िंदगी का विकट क्षुब्ध सी पड़ी मैं
थामें तुम हाथ मेरा बन जाओ मनमीत भी।
मैं समर्पित नारी तुम पूर्ण पुरुष
ग्रहण करो मेरा समर्पण कर दो संपूर्ण मुझे
प्रेम से भरपूर है दिन रंगीन महका-बहका
आओ कर दे परिभाषित एकाकार रच ले।
तुम तुम न रहो मैं मैं न रहूँ
हम बन जाये दोनों कुछ आदम और ईव से।।