जनम जनम का रिश्ता
जनम जनम का रिश्ता
तुमसे हम जुड़ने लगे तो लगा
दिल की बेकरारी से है कोई रिश्ता
जिस प्यार की तलाश में ये भटकता
उसकी मंज़िल का है यहीं रास्ता
सदियों पुराना यह रिश्ता होगा
दिल की गहराइयों में कहीं दफ़न होगा
इस जनम में फिर से उभरता होगा
चाहे इसका मंज़र अगला जनम ही होगा
पिछले जनम का कोई कर्ज होगा
अब के बार शायद चुकाना होगा
तेरी मेरी जुदाई का ये सबब होगा
इस प्यार की सफ़र का मक़ाम तो होगा।