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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Romance Inspirational

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

Abstract Romance Inspirational

प्रेम का प्रस्फुटित होता बीज

प्रेम का प्रस्फुटित होता बीज

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उसका

एक

मूर्त

रूप को

देखकर

मुस्कुराना

नजरें

झुकाना

फिर

माथे पर

दुपट्टा को

रख लेना

दांतो तले

हल्की सी

उंगली

दबाना

और

चोर निगाहों से

कभी-कभी

देखना

और

देखने के

दौरान

उसकी

चोरी का

पकड़ में

आ जाना

पकड़ में

आते ही

वह

मूर्त रूप को

एक पल के लिए

देखते हुए

तेज कदमों से

पीछे मुड़कर

दौड़ते हुए

आंखों से

ओझल

हो जाना

यह प्रेम का

प्रस्फुटित

होता

बीज है


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