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Somya Srivastava

Romance

4  

Somya Srivastava

Romance

तुम्हारे मेरे दरमियान

तुम्हारे मेरे दरमियान

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यूं ही नहीं तुम्हारी हर उदासी पे मेरी आंख भर आती है,

यूं ही नहीं तुम्हारी मुस्कुराहट मेरे सारे दुख मिटा जाति है,

यूं ही नहीं मैं तुंहारी फिकर में रात-रात जगती हूं,

कुछ तो है तुम्हारे मेरे दरमियान

तभी तो मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं।

यूं ही नहीं मैं तुमपे अपनी हर खुशी वार देती हूं,

यूं ही नहीं मैं खुद के बजाए तुम्हारे लिए खुशी मांगती हूं,

यूं ही नहीं मैं तुम्हारे लिए हर किसी से लड़ती हूं,

कुछ तो है तुम्हारे मेरे दरमियान

तभी तो मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं।

यूं ही नहीं मैं तुमसे बात करने के लिए पूरे दिन इंतजार करती हूं,

यूं ही नहीं मैं तुम्हें तबियत खराब होने पर डांटती हूं,

यूं ही नहीं मैं तुम्हारी हर गलती को नजर अंदाज कर देती हूं,

कुछ तो है तुम्हारे मेरे दरमियान

तभी तो मैं तुमसे इतना प्यार करती हूं।


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