जंग जारी है,जीतना ज़रूरी है
जंग जारी है,जीतना ज़रूरी है
यह काली रात ज़रा थोड़ी लम्बी है
पर सूरज का उगना भी तय है
समय लग रहा है ज़रा सम्बलने में
क्योंकि अंदर छुपा बैठा एक भय है
उम्मीद खोना नही है ध्यानतदारी
कोशिशें ही कामयाब होती है
बीच राह से वापिस लौट जाना
क्या अक्लमंदी की निशानी है?
एक झुट हुआ है यह विश्व सारा
कोरोना दानव का नाश करने में
समय दूर नही,औन्दे मुह गिर जाएगा
अब लापरवाही नही होगी, संभालने में
यह महामारी एक चुनौती है
जंग जारी है, जीतना ज़रूरी है
विवेक और धैर्य की ड़ोर थामो
इसी में हम सब की भलाई है
ए बुरे वक़्त तू इतना मत इतरा
कल तू भी "गया वक़्त" कहलाएगा
यह जंग हम जीत लेंगे हर हाल में
तू कभी भी लौट कर न आ पायेगा
मरे हुए ज़मीर, सोई हुई आत्माएं
अबके वास्तव में खुलकर जाग जाएंगी
सृष्टि में फिर से नूर छा जाएगा
समा में भी खुशहाली छा जाएगी......