ज़मीन पर खुदा।
ज़मीन पर खुदा।
उसको कुछ कहने का अंदाज तो जुदा होगा
सिर्फ उसका नाम ही जमीन पर खुदा होगा।
सच्चाई आँचल में दूध और आँखों में पानी की
मां की ममता का नूर सबसे अलहदा होगा।
उसके उजले दामन ने कायनात को रवानी दी
मां के कदमों तले हर शख्स का सजदा होगा।
जिसकी हसरत ने मेरे ख्वाबों को अंदाज दिये
मेरे महबूब का सबसे अलग जलवा होगा।
बादलों के दरमियां सतरंगी इन्द्र धनुष बनकर
बरसते सावन के आसमानों में वह उगा होगा।
अभी तक खिलखिलाते है चमन में गुलोबहार
उसकी मुस्कानों ने मचलकर कुछ कहा होगा।
वही जीनत वही दिलवर उसी से कायनात मेरी
उसकी रंगत से अलग दुनिया का रंग क्या होगा।
राज अनमोल सा तोहफा दिया हमको कुदरत ने
नारी से अलग जन्नत का तसव्वुर और क्या होगा।
