जल सृष्टि का दान
जल सृष्टि का दान
जल जीवन है
सृष्टि का अद्भुत आविष्कार है,
जीवन को सम्पूर्णता देने वाली
आईसी एक आधार है।
सभ्यता का परिपूरक है
फिर भी नासमझ सभ्यता,
करती इसका अपोप्रोयोग है।
जीवन को दिशा देने वाली
कलुषित हो रही है,
जीवन दायक अद्भुत सृष्टि
महिमा खो रही है।
ना करो कलुषित जल को
सभ्यता सृष्टि की इस देन को,
रखवाली है कर्तव्य अपना
भूले ना हम सृष्टि की इस ऋण को।
