जिंदगी
जिंदगी
थोड़ा सा बचपन थोड़ी जवानी हैं
जिंदगी नादाँ थोड़ी सी सयानी हैं
कुछ बातें कुछ लम्बी दास्तानों की
कुछ अनकही कुछ और सुनानी हैं
बातों में बटी छोटी छोटी यादों की
ख़्वाबों ने जो बुनी मेरी कहानी हैं
कुछ सच हैं कुछ ख़यालों से भरीं
दिल के कोने में रोशन सुहानी हैं
दिल के दरवाज़े पर देती हैं दस्तक
बाक़ी हैं ख़ुशनुमा जो भी बतानी हैं
सरोकार नहीं इसका तुम्हारे जहाँ से
बेरंग दुनिया से अभी अनजानी हैं
खुश हैं अलग तू खुद से यूँ मिलकर
मगर कहाँ ये सारी तुम्हें पहचानी हैं।