STORYMIRROR

Manoj Joshi

Others

4  

Manoj Joshi

Others

तुम

तुम

1 min
237

तुम दूर यूं पास नही आती

जिंदगी से आस नहीं आती?


कुआं हूं में आब–ए–हयात का

पर तुम्हें ही प्यास नहीं आती


गुलदस्ता क्या गुलिस्तां खिला दूं

चाहत फूलों की खास नहीं आती?


इत्र सा महकता हूं में सबा में

तुम्हारी खुशबू आसपास नही आती


मुद्दत से मुश्किलों से हैं दोस्ती

आसान जिंदगी क्या रास नहीं आती?


इतनी मिन्नते क्यों करता हैं अलग

जन्नत रोज रोज पास नही आती।


Rate this content
Log in