जिंदगी
जिंदगी


जिंदगी
पटरियों सरीखी
नहीं
जिंदगी रेल है
जिसे क्षण भर
रूक कर
बढ़ जाना है आगे...
नाकामियाँ
खामोशियाँ
अविश्वास
अब नहीं
क्योंकि अब
ज़िंदगी है
अतीत से परे...
जिंदगी
पटरियों सरीखी
नहीं
जिंदगी रेल है
जिसे क्षण भर
रूक कर
बढ़ जाना है आगे...
नाकामियाँ
खामोशियाँ
अविश्वास
अब नहीं
क्योंकि अब
ज़िंदगी है
अतीत से परे...