STORYMIRROR

Mohinder Kaur (Moni Singh)

Abstract

5.0  

Mohinder Kaur (Moni Singh)

Abstract

भारत के लोग

भारत के लोग

1 min
178


आज भी गाँव के लोग

निभाते हैं परम्परा

देते हैं सुख दुःख में साथ

मोड़ते नहीं मुख ज़रा


भारतीय संस्कृति की तस्वीर

गाँवों में अभी भी मुकम्मिल

पाश्चात्य संस्कृति के पीछे

शहरों में हैं हिलजुल


मेहनत, सादगी, परंपरा

जब तक बसी गाँवों में

विश्व के लोग भारत को

वासी मानते देवताओं के


अपनी संस्कृति से मुहँ न मोड़े

परंपरा का निर्वाह करें

सोने की चिड़िया फिर बने भारत

आध्यात्म की राह पर भी चलें


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract