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Mohinder Kaur (Moni Singh)

Others

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Mohinder Kaur (Moni Singh)

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जीवन गागर

जीवन गागर

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झुलसाती गर्मी के बाद

घिर आए जब बादल

और होने लगी बारिश

तन - मन को मिला

शीतलता का आँचल


बरामदे में बैठकर

चाय की चुस्कियों के संग

खुल गया यादों का पिटारा

मन रंगा अतीत के रंग


नदी बन जाती

गांव की गलियां

हाथों में थामे

कागज की कश्तियाँ


कश्तियों में तैरते स्वपन

स्वप्नों की डोर थामे

पहुंच गए महानगर में


साथ बनी रही

कागज की कश्ती

जो डूबती उतराती

आंधी - पानी में


पता नहीं कब कश्ती

नदी में समा जाए

और नदी बन जाए सागर

रिक्त हो जाए जीवन गागर


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