जिंदगी तलाश है।
जिंदगी तलाश है।
जिंदगी तलाश है, अबूझ सी तलाश है
दूर बहुत लगती है, क्योंकि बहुत पास है
आदमी मुसाफिर है, सफ़र और मंजिल भी
बहता- सा दरिया है, ठहरा-सा साहिल भी
आदमी ही पानी है, आदमी ही प्यास है
जिंदगी तलाश है, अबूझ-सी तलाश है
आदमी खिलावट की, घुटनी अकुलाहट की
इंतजार अपना ही, अपनी ही आहट है
पाये को पाने की तड़प का अहसास है
जिंदगी तलाश है, अबूझ-सी तलाश है
सत्य के सफर में तो, चलना है रुक जाना
रुकना है परिधि पर से केंद्र पर सिमट आना
केंद्र ही की माया तो, परिधि,वृत्त, व्यास है
जिंदगी तलाश है, अबूझ-सी तलाश है।
