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Rajeev Rawat

Romance

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Rajeev Rawat

Romance

जिंदगी मेरे घर आना-दो शब्द

जिंदगी मेरे घर आना-दो शब्द

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जिन्दगी

जब भी मेरे घर आना

उनकी पायल की झनकार

और साथ में उनकी मोहब्बत की सरगम लाना-


महकती हुई भीनी खुशबू

और लरजती हुई उनकी देह गंध-

झुकी पलकों में छुपे

उनके मोहब्बत - ए-उल्फत के अनुबंध-

उंगलियों के पोरों से

सीने पर गोदी गयी इश्क के दास्ताँ के

अनपढ़े शब्द संजो लाना-

जिन्दगी

जब भी मेरे घर आना

उनकी पायल की झनकार

और साथ में उनकी मोहब्बत की सरगम लाना-


गिरती हुई रिमझिम सी बारिश

चमकती हुई बिजलियाँ और धड़कती हुई

संवेदना - 

श्वासों की रिदम, आंखों की शरारतें

शरबती अधरों की कल्पना-

महकता हुआ आंगन 

सावन का यौवन, सपनों की सौगातें

आकर आहिस्ता से बिखेर जाना-

जिन्दगी

जब भी मेरे घर आना

उनकी पायल की झनकार

और साथ में उनकी मोहब्बत की सरगम लाना-


यूं तो जिन्दगी 

कट जायेगी अकेले भी

पर क्या उन के बिना जिंदगी को जिंदगी का अहसास होगा-

क्या नीले दिल के आकाश में

चमकते तारा मंडलों के बीच, 

बादलों से लुका-छिपी करता महताब होगा-

वो न आ सके तो

उनके अहसासों को स्वर देकर

मेरे गीतों को उनकी यादों की बूंदों में महका जाना-

जिन्दगी

जब भी मेरे घर आना

उनकी पायल की झनकार

और साथ में उनकी मोहब्बत की सरगम लाना-



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