जिंदगी -किताब
जिंदगी -किताब
खुली किताब अपने शब्दों से
बांध लेती है पढ़ने वाले को
सरलता से अर्थ को बंया कर
मर्म को दिल तक पहुंचा देती है
हमारी जिंदगी भी खुली किताब
की तरह हो तो रिश्तों में अर्थ के
कारण, समझने में कठिनाई न हो
भावों की सरलता भी बहती रह सके।
