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Akanksha Gupta (Vedantika)

Drama

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Akanksha Gupta (Vedantika)

Drama

जिंदगी की शतरंज

जिंदगी की शतरंज

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जिंदगी की शतरंज में छुपी हुई पहेलियाँ,

सुलझाने में उलझ गए रिश्तों के धागे।

उलझे हुए रिश्ते की कसी हुई गाँठें,

जो कभी खुल जाएगी साथ पैदल चलने से।


जिंदगी की शतरंज मे छुपी हुई पहेलियाँ,

धुंधला देती है मन में बसे हुए प्रेम को।

धुंधले हुए प्रेम में अनदेखी ख्वाब की दुनिया,

जो कभी दिख जायेगी ढाई कदम आगे बढ़ने से।


जिंदगी की शतरंज मे छुपी हुई पहेलियाँ,

भुला देती है मुस्कुराहट के सरल स्वभाव को।

भूली बिसरी मुस्कुराहट में छुपी हुई ख्वाहिशें,

जो कभी याद आ जायेगी टेढ़ी मेढ़ी पगडंडियों पर।


जिंदगी की शतरंज मे छुपी हुई पहेलियाँ,

मिटा देती है अपने अंदर की इंसानियत।

मिटी हुई इंसानियत में जिंदा रह गया इंसान,

जो कभी लौट आएगा दुःखो से ऊपर उठकर।


जिंदगी की शतरंज मे छुपी हुई पहेलियाँ,

बांध दिया करती है मन को दासो की तरह।

बंधे हुए मन के बिखरे हुए अस्तित्व का अंधेरा,

जो कभी जगमगाते हुए

उतरेगी आसमान के सूरज बनकर।


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