STORYMIRROR

Babita Kushwaha

Abstract

4  

Babita Kushwaha

Abstract

जिंदगी की खुशियां

जिंदगी की खुशियां

1 min
23.4K

छोटी छोटी चीजों में खुश हो कर तो देखो

जिंदगी कितनी खूबसूरत है जरा जी कर तो देखो

खुशनसीब हो तुम जो तुम्हारे पास घर है

जिसके पास घर नही जरा


उसका आसरा बन कर दो देखो

भूल जाओगे तुम पूजा पाठ करना

पहले माँ बाप की सेवा करके तो देखो

तृप्त हो जाएगी आत्मा तुम्हारी भी


जरा प्यासे को पानी पिला कर तो देखो

छोड़ दो कल की चिंता करना

जिंदगी में जो आज मिला है

उस पर पहले खुश हो कर तो देखो


जिंदगी कितनी खूबसूरत है जरा जी कर तो देखो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract