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Babita Kushwaha

Tragedy Inspirational

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Babita Kushwaha

Tragedy Inspirational

मनुष्य और प्रकृति

मनुष्य और प्रकृति

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चारों तरफ मचा कोरोना कोरोना

देख के दुनिया की हालत

सबको आ रहा है रोना

आज़ाद घूम रहा है वायरस

बंद है घरों में खिलौना।


बंद होते ही प्रदूषण के

प्रकृति गाने लगी है गाना

साफ हो गये बादल अब तो

दिखने लगा हिम का बिछौना

पंछी भी चहचहा कर कहना चाहे

लॉक डाउन कभी खुले न।


मान लो अब तो अपनी ग़लती

प्रकृति का दोहन मत करो ना

आओ हम सब मिल संकल्प ले

कुदरत से छेड़खानी बंद करो ना

प्रकृति को भी उसका हिस्सा दे

इतने भी स्वार्थी मत बनो ना

स्वार्थी मत बनो ना।



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