जिंदगी के सफर पर
जिंदगी के सफर पर
मुट्ठी भर खुशियाँ उठाये मैं,
चल पड़ी हूँ जिंदगी के सफर पर,
साथ में खाली झोली लिए,
मिलती खुशियाँ उसमें भरने।
खुले आसमान का पीछा करते,
चल पड़ी हूँ जिंदगी के सफर पर,
आशा की सुनहरी धूप में,
नेक इरादों के साथी साथ लिए।
इन खुली वादियों को निहारते,
चल पड़ी हूँ जिंदगी के सफर पर,
सुकून भरे दिल से गाते मुस्कुराते,
जो मन चाहे वही कर रही हूँ मैं।
बेतुकी बातें पीछे छोड़ते हुए,
चल पड़ी हूँ जिंदगी के सफर पर,
अनजानी सी राहों पें सुलझे मन से,
बस आगे की तरफ कदम बढ़ाती मैं।
घुटन भरे बंधन सारे तोड़ते हुए,
चल पड़ी हूँ जिंदगी के सफर पर,
मेरे आज़ाद होने की खुशी में,
चांद सितारों सी चमक आँखों में लिए।
मुट्ठी भर खुशियाँ उठाये मैं,
चल पड़ी हूँ जिंदगी के सफर पर।